
।।मां कामाख्या के प्रति सच्चे हृदय की प्रार्थना।।
मेरे नीलांचल पर्वत पर आके तो देख ।
तुम्हारे सब रास्ते ना खोल दूं तो कहना ।।
मेरे नाम से दक्षिणा देकर तो देख।।
कुबेर भंडार ना खोलो तो कहना।।
मेरे लिए खराब बोलने वाले को सच्चा मार्ग दिखा के तो देख।।
तुम्हारे लिए कुर्बान ना बरसाओ तो कहना ।।
मेरे नीलांचल पर्वत पर पैर रख कर तो देख।।
तुम्हारा ध्यान ना रखो तो कहना।।
मेरी बातें, मेरी पूजा, कुंवारी पूजा ,करके तो देख।
तुम्हें मूल्यवान ना बना दूं तो कहना।।
मेरे नाम से सभी को मंत्र ज्ञान बैठ के तो देख।।
तुम्हारे में ज्ञान का मोती ना भर दूं तो कहना।।
मुझे तेरा मददगार बना के तो देख ।।
तुम्हारे जीवन को आनंद मई ना कर दूं तो कहना।।
मुझे सच्चे हृदय से मान के तो देख।।
तुम्हारी हर जगह जीत होगी।।
मेरे लिए खुद को नोछावर करके तो देख।।
तुम्हें कामाख्या भक्त सभी के मुंह से ना कहलाउहु तो कहना।।
एक बार सच्चे हृदय से नीलांचल पर्वत वाली कामरूप कामाख्या मैया बोल कर तो देख।।
आकर दर्शन ना दूं तो कहना।