
ज्योतिषि बनने के योग
एक सफल ज्योतिषि बनने के लिए वो कोनसे योग होते है जो जातक को सफ़लता ओर प्रशिद्धि दोनों दिलाते हैं
एस्ट्रोलॉजर की कुंडली में नवमेश का सम्बंध दशम भाव या दशमेश से बने और दशमेश द्वितीया भाव यानी धन वाणी भाव मे हो तो अच्छा एस्ट्रोलॉजर बनने के योग होते ह
पंचमेश का सम्बंध दशम नवम या द्वितीय भाव से बने तो एक अच्छा एस्ट्रोलॉजर बन सकता ह
तृतीय भाव गणना को दर्शाता है जो ज्योतिष में मुख्य चीज होती ह अगर त्रितयेश का सम्बंध दशम से या द्वितीय भाव से बने या द्वितीयेश अष्टमेश की युति 2भाव,दशम भाव ,नवम भाव, में हो तो जातक की गणना एकदम सटीक होती ह
पंचम भाव का ज्ञान,बुद्धि पर अधिकार होता ह व नवम भाव से धर्म,आध्यत्म को देखा जाता ह व दशम भाव से कर्मक्षेत्र, जब पंचमेश व नवमेश की युति 10 भाव कर्म में बने तो जातक आध्यत्म, धार्मिक गुर, ज्योतिषि होता है
लग्नेश द्वितीय,त्रितय,पंचम,नवम,धनु ,मीन,सिंह,वृश्चिक, मिथुन में हो तो बढ़िया एस्ट्रोलॉजर बन जाता है
मुख्य ग्रह सूर्य,बुध,चन्द्र, गुरु,राहु,केतु
केतु व राहु का सम्बंध चन्द्र व सूर्य से बने तो जातक ज्योतिष के क्षेत्र में अच्छी खोज रिसर्च करता है
मुख्य राशिया धनु,मीन,वृश्चिक, सिंह, मिथुन में ये युति बने तो जातक उच्च कोटि का ज्योतिषि होता है।