
दो पवित्र पक्षी ओर उनका रहस्य
दो पवित्र पक्षी ओर उनका रहस्य
जानिए दो दिव्य पक्षियों बारे में जिनका हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है
हंस : जब कोई व्यक्ति सिद्ध हो जाता है तब उसे हंस पद की प्राप्ति हो जाती है ओर उसे हंस कहा जाने लग जाता है । जब व्यक्ति समाधिस्थ हो जाता है तो उसे परम हंस कहा जाने लगता है । यह सबसे बड़ा पद माना जाता है ।
हंस पक्षी प्यार ओर पवित्रता का प्रतीक है । यह बहुत विवेकी पक्षी माना गया है । आध्यात्मिक दृष्टि से मनुष्य के निश्वास में ‘ हं ‘ ओर श्वास में ‘ स ‘ की ध्वनि सुनाई पड़ती है । अतः हंस ज्ञान विवेक , ओर कला की देवी सरस्वती का वाहन है ।
इसके अलावा हंस दाम्पत्य जीवन का आदर्श है । यह जीवन भर एक ही साथी के साथ रहते है। इस पक्षी में सामाजिक भावनाए पारिवारिक ओर सामाजिक भावनाएं पाई जाती है ।
हिन्दू धर्म में हंस को मारना अर्थात पिता माता ओर गुरु के मारने के समान है ।
मोर : मोर पक्षिओ का राजा माना जाता है । यह शिव पुत्र कार्तिक का वाहन भी है । भगवान श्री कृष्ण भी मुकुट पर मोर पंख धारण धारण करते है एवं इन्द्र देव की आंखो की तुलना भी मोर के पंख से की गई है । एवं यह राष्ट्रीय पक्षी भी है ।
अनेक धार्मिक कथाओं में मोर का बहुत ऊंचा स्थान है हिन्दू धर्म में मोर को मारकर खाना महापाप माना जाता है ।
