
जानिए क्यों योग की शुरुआत प्रार्थना से करनी चाहिए
योग का हमारी जिदगी में एक महत्वपूर्ण योगदान है. योग से हमारा मन, शरीर और आत्मा नियंत्रित मे रहती है. जिससे शारीरिक और मानसिक अनुशासन का एक संतुलन बनता है और सभी तनाव दूर हो जाते है साथ ही आराम से रहने में मदद भी मिलती है. योगासन से शरीर में लचीलापन और आत्मविश्वास भी बढ़ता है लेकिन योग का अभ्यास प्रार्थना से शुरू करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से अधिकाधिक लाभ होता है. योग से पहले प्रार्थना के दौरान अपने दोनों पैरों को जोड़कर अपने शरीर को सीधा रखें फिर अपनी आंख बंद करके अपने दोनों हाथ जोड़े और अपने दिमाग को भगवान की ओर लगाएं
योग के दौरान प्रार्थना से मानसिक तनाव दूर होता है साथ ही भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. ऐसे ही प्रार्थना से दिमाग की क्षमता बढ़ती है और मानसिक शांति की प्राप्ति भी होती है.

योग की शुरुआत करने के दौरान प्रार्थना करते वक्त इस मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए
संगच्छध्वं संवदध्वं
सं वो मनांसि जानताम्
देवा भागं यथा पूर्वे
सञ्जानाना उपासते ||

संगच्छध्वं संवदध्वं
सं वो मनांसि जानताम्
देवा भागं यथा पूर्वे
सञ्जानाना उपासते ||
अर्थात हम सभी प्रेम से मिलकर चले, मिलकर बोले और सभी ज्ञानी बने. अपने पूर्वजों की तरह सभी कर्तव्यों का पालन करें.
और योग शुरू करने से पहले इस प्रार्थना के अभ्यास को मंगलाचरण (वंदन) भी कहते हैं. जिससे करने से योग अभ्यास से अत्याधिक लाभप्रद है और हमेशा योग की शुरुआत करने से पहले हमें प्रार्थना करना चाहिए।
