
शीतली प्राणायाम कैसे लाभकारी है?
शीतली प्राणायाम क्या होता है? शीतली का अर्थ शीतल होता है। यह प्राणायाम साधक के मन को शांत करने का काम करती है साथ ही मन की योग्यता को दूर करती हैं। शीतली प्राणायाम के नाम से साफ समझ आता है कि यह शरीर को शीतलता प्रदान करती है। यह प्राणायाम शरीर के तापमान को नियंत्रण करने के लिए विशेष रूप से बनाई गई है। इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर शांत बनता है और मन एकदम शांत हो जाता है।

कैसे करें शीतली प्राणायाम? पहले पद्मासन के अवस्था में बैठ जाए या किसी भी आसन में बैठ जाए। ज्ञान मुद्रा की अवस्था में अपने हाथों को घुटनों पर रखे। जीब के किनारों को मोड़कर ट्यूब के आकार में सांस ले। जितना हो सके हवा शरीर के अंदर और बाहर प्रवेश कराएं। जीब के मुख को अंदर वापिस ले और मुंह बंद करें। दोनों नासिका से धीरे-धीरे सांस ले। इस अभ्यास के 4 बार दोहराएं।
इस प्राणायाम को करने से रक्त शुद्ध होता है। शरीर और मन को शीतलता प्रदान होती है। हाई बीपी वालों के लिए यह बहुत लाभप्रिय है। यह बदहजमी से आराम दिलाता है। यह त्वचा और नेत्रों के लिए भी लाभदायक है।
