
भद्रासन कैसे करें और क्या है इसके लाभ?
भद्रासन मे भद्र का अर्थ होता है दृढ़, सज्जन और सौभाग्यशाली। इस आसन को बैठकर किया जाता है। इस आसन को करने से शरीर को दृढ़ता मिलती है और मानसिक स्थिरता प्रदान होती है। यह आसन गर्भावस्था वाली स्त्रियों के लिए लाभकारी है तथा महिलाओं के मासिक धर्म के समय में अक्सर होने वाले पेट दर्द से यह आसन मुक्ति प्रदान करता है।

इस आसन को करते वक्त दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा फैलाकर पेट व कमर को सीधा रखते हुए बैठ जाएं।
दोनों हाथों को नितंब के पास रखें। हथेलियां जमीन पर होनी चाहिए और यह स्थिति दंडासन कहलाती है।
अब दोनों पैरों को तलवे के पास ले आए। श्वास बाहर छोड़ते हुए पैरों की उंगलियों को हाथ से पकड़ कर रखे।
श्वास भरते हुए एड़ियों को मूलाधार क्षेत्र के जितना नजदीक हो सके ले आए यदि आपकी जांघ जमीन से नहीं लगी हुई तो सहारे के लिए अपने घुटनों के नीचे मुलायम तकिया रखना चाहिए। इस अवस्था मे 10 से 30 सेकंड तक रुके और सामान्य रूप से सांस लेते रहे।
यदि आपको कोई पुरानी तथा अत्यधिक पीड़ा देने वाला अर्थराइटिस और साइटिका से ग्रसित व्यक्तित्व है तो यह अभ्यास नहीं करना चाहिए.
