
आकर्णधनुरासन कैसे करें और क्या है इसके लाभ?
आकर्णधनुरासन का अर्थ कान से धनुष तक है। अंग्रेजी भाषा में इससे आर्चर पोज भी कहा जाता है। यह तीर छोड़ने की तैयारी जैसा दिखता है। आपको यह आसन अनुमति देता है कि आप जागरूकता में तीर को लक्षित करने के लिए तैयार है। इस आसन को करते हुए धैर्य और कौशल से साथ देखने की आवश्यकता होती है।

इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा फैला कर बैठे फिर दोनों एड़ी और पंजों को आपस में मिलाकर दाएं हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़े फिर बाएं हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़े। इसके बाद बाएं पैर के अंगूठे को बाए कान से लगाए। कोहनी को ऊपर की ओर रखें और आंखे को सामने की ओर रखें। बाएं पैर को दाहिने कान के पास लेकर आए और आसन को आकर्णधनुरासन कहा जाता है।
इस आसन को करने से छाती, कमर, पीठ, पिडलियो, स्कन्ध सब मजबूत और पुष्ट बनाता है। साथ ही प्रतिदिन आसन को नियम पूर्वक करने से धनुष समान शरीर लचीला बन जाता है। यह आसन धनुष चलाने वाले और बंदूक चलाने के लिए काफी लाभदायक है। इस आसन को करने से आपकी कब्ज ठीक हो जाती है।
