
क्यों भगवान कृष्ण को ऋषिकेश भी कहा जाता है?
भगवान श्री कृष्ण को भगवान श्री विष्णु का अवतार भी कहा गया है। द्वापर युग में जन्मे वह विष्णु जी के 10 अवतारों में से आठवें अवतार और 24 अवतारों के क्रम में से 22वे अवतार थे। भगवान कृष्ण के भले ही सैकड़ों नाम है लेकिन उन के 108 नाम काफी प्रमुख है 108 नामों में से ही भगवान श्री कृष्ण का एक नाम है ऋषिकेश। आइए आज हम आपको बताएंगे कि इस नाम का अर्थ क्या है।

भगवान श्री कृष्ण के ऋषिकेश का अर्थ होता है। ऋषि जैसे केश वाले को ऋषिकेश कहा जाता है परंतु इस नाम का यह अर्थ नहीं है। शुरू में भगवान विष्णु को हृषिकेश कहा जाता था लेकिन बाद में यह ऋषिकेश हो गया। ऋषिकेश इंद्रियों के भी ईश्वर है इसलिए उन्हें ऋषिकेश कहा जाता है। गो का एक अर्थ इंद्रियां भी कहा जाता है। जिसके पति या ईश्वर होने के कारण गोप है। उनके पूर्ण वश में इंद्रियां है। वे हर्षित होते हैं इसलिए भी हृषिकेश हैं। वैसे यह नाम देवाधिदेव महादेव का भी
भारत के उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश नामक पवित्र एवं पावन नगरी है। जहां ध्यान करने से एक व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऋषिकेश से केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ का प्रवेशद्वार माना जाता है। यह स्थान भगवान शिव, राम, ऋषि राभया और कृष्ण की कथा से जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि इसके लिए ऋषि राभ्या ने कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ने ऋषिकेश के अवतार में प्रकट हुए थे इसलिए स्थान को ऋषिकेश के नाम से जाना जाता है।
