
गायत्री मंत्र का जाप क्यों है जरूरी
हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम माना गया है। यह एक ऐसा मंत्र है जो हिंदू आस्था रखने वाले हर व्यक्ति के मुख पर रहता है और इस मंत्र के बारे में हर कोई अच्छे से जानता है।

वेदों में कुल 4 संख्या है और चारों वेदों में गायत्री मंत्र का जिक्र किया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र और देवता सवितृ है।
इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि तीन बार जपने से आसपास की नकारात्मक शक्तियां, भूत प्रेत और ऊपरी बाधाएं दूर हो जाती है।
गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से 2 घंटे पूर्व से ले तक सूर्याअस्त से 1 घंटे बाद तक कर सकते हैं।
इस मंत्र का मौन मानसिक जाप भी कर सकते हैं लेकिन रात में मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप रात मे करने से कई गलत परिणाम भी मिल सकते हैं। यह गलती भूलकर भी ना करें और गायत्री मंत्र रात को कभी ना करे
गायत्री मंत्र के जाप से बुद्धि की क्षमता बढ़ती है और स्मरण की शक्ति बढ़ती है।
छात्रों के लिए यह मंत्र काफी फायदेमंद है स्वामी विवेकानंद का कहना था कि गायत्री मंत्र सद्बुद्धि का मंत्र है।
108 बार गायत्री मंत्र का जाप करने से बुद्धि तेज हो जाती है और किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है।
