
नवग्रह में गुरु को ही श्रेष्ठ क्यों माना जाता है
नवग्रहों में बृहस्पति और गुरु को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि गुरु की राशि, धनु और मीन है और गुरुवार इनका दिन है। गुरुवार की प्रकृति क्षिप्र है। यह दिन वृत्तीय ब्रह्मा का दिन माना गया है। गुरु के सूर्य, मंगल, चंद्र मित्र ग्रह हैं, शुक्र और बुध शत्रु ग्रह और शनि और राहु सम ग्रह हैं। लाल किताब के अनुसार चंद्रमा का साथ मिलने पर बृहस्पति की शक्ति बढ़ जाती है। वही मंगल का साथ मिलने पर शक्ति दो गुना बढ़ जाती है। सूर्य ग्रह के साथ प्रस्तुति की मान प्रतिष्ठा बढ़ती है। आइए आज आपको बताते हैं कि गुरु सबसे सर्वश्रेष्ठ क्यों है

मानव जीवन पर बृहस्पति का महत्वपूर्ण स्थान है। यह तरह की आपदा विपदा से धरती और मानव की रक्षा करने वाला ग्रह है।
धरती पर इसका प्रभाव सबसे अधिक है। शुक्र, मंगल, चंद्र और सूर्य के बाद धरती पर इसका प्रभाव सबसे अधिक माना गया है।
नवग्रहों में बृहस्पति को गुरु की उपाधि प्राप्त है।
भाग्य जागृत करने वाला ग्रह में नौवें स्थान पर अपना प्रभाव रखते हैं।
गुरु का वार पवित्र माना गया है। यह धर्म का दिन होता है।
गुरु का व्रत करने से मनुष्य के भाग खुल जाते हैं। गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति से भाग्य जागृत होता है।
बृहस्पति का साथ छोड़ना अर्थात आत्मा का शरीर छोड़ जाना माना जाता है। कुंडली में बृहस्पति अच्छा है तो जीवन में सबकुछ अच्छा ही होगा।
