
लाल किताब के अनुसार जानिए गुरु के मकान में रहने के फायदे
लाल किताब में आपकी कुंडली देखकर मकान की स्थिति बताई जा सकती है और कुंडली के अनुसार मकान भी बनाया जाता है। लाल किताब में प्रत्येक ग्रह का एक घर में या मकान होता है जिसकी स्थिति के बारे में बताया गया है जैसे शनि के मकान के पास कीकर खजूर के वृक्ष या आम के वृक्ष हो सकते हैं। घर में तलघर हो सकता है। पीछे की दीवार कच्ची हो सकती है यदि वह दीवार गिर जाए तो शनि खराब होने की निशानी मानी जाती है। इसी तरह सभी ग्रहों के मकान का वर्णन आपको लाल किताब में मिलेगा इसलिए आज हम आपको लाल किताब के अनुसार गुरु का मकान कैसा होता है और इसमें रहने के फायदे बताएंगे।

यदि आपका मकान गुरु या बृहस्पति का है तो मकान में सुहानी हवा के रास्ते होंगे। दरवाजा उत्तर दक्षिण में होगा। पीपल का वृक्ष या कोई धर्मस्थान मकान के आसपास हो। मुख्य द्वार ईशान या उत्तर हो तो ऐसा घर गुरु का घर कहलाएगा।
इस घर में रहने से मानसिक स्थिति बनी रहती है और घर के सदस्य हर समय प्रसन्न रहते हैं।
उत्तर ईशान दिशा का द्वार समृद्धि और धन को लेकर आता है।
उत्तर और ईशान दिशा के मकान में रहने वाले जातक उन्नती करते हैं और प्रसिद्धि पाते हैं।
इस तरीके के मकान में किसी प्रकार की दुर्घटना नहीं होती है और लोग अकाल मौत नहीं मरते।
वास्तु के अनुसार उत्तर या ईशान कोण दिशा का दरवाजा या मकान हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा के घर में सबसे ज्यादा दरवाजे और खिड़की होनी चाहिए। घर की बालकनी भी इसी दिशा में होनी चाहिए। इस दिशा में वास्तु दोष होने पर धन की हानि या करियर में बाधाएं आती हैं।
