
Budhwar Vrat Katha : धन लाभ के लिए बुधवार के दिन इस कथा का करे पाठ
Budhwar Vrat Katha – हिन्दू धर्म में सप्ताह के सातों दिन के अनुसार अलग – अलग देवी देवताओं की पूजा की जाती है। सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ को पूजने का विधान है तो मंगलवार हनुमान जी का इसी क्रम में बुधवार के दिन प्रथम पूजनीय देव भगवान गणेश को समर्पित है। बुधवार के दिन व्रत रखने का विशेष महत्त्व बताया गया है।
Budhwar Vrat Katha : धन लाभ के लिए बुधवार के दिन इस कथा का करे पाठ
बुधवार के दिन भगवान गणेश के लिए व्रत करने से घर में सुख – समृद्धि का वास होता है और आपका जीवन मंगलमय बना रहता है। मान्यता ये भी कहती है कि जो भी जातक बुधवार के दिन उपवास रखता है और भगवान गणेश की साधना करता है उसे अपने जीवन में धन धान्य की कोई कमी नहीं होती है। इसलिए अगर आप भी चाहते है आपका जीवन ऐश्वर्य से भरा रहे इसके लिए आपको बुधवार का व्रत रखते हुए इस कथा का पाठ करते है तो आपको जरूर ही लाभ की प्राप्ति होगी।
बुधवार व्रत कथा –
एक बार की बात है एक व्यक्ति का विवाह हुए एक लम्बा अरसा बीत चूका था। विवाह के बाद जब एक बार उसकी पत्नी मायके गई हुई थी। पत्नी के मायके में रहने के कई दिनों बाद उसका पति अपनी पत्नी को लेके के लिए अपने ससुराल पहुंचा। वह व्यक्ति कुछ दिनों तक अपने ससुराल में ही रहा फिर अपनी पत्नी को विदा कर ले जाने की बात उसने अपने सास -ससुर को कही। उस दिन बुधवार का दिन था। ऐसे में सास ससुर ने कहा कि आज बुधवार है और आज के दिन बेटी अपने ससुराल नहीं जा सकती , इसलिए आज के दिन बेटी की विद्याओ नहीं हो सकती है।
लेकिन वह आदमी अपने सास – ससुर की बात को बिलकुल नहीं माना और अपनी पत्नी को विदा कर अपने साथ अपने घर की तरफ चल दिया , रास्ते में जाते समय पत्नी को बहुत तेज़ से प्यास लगी तब उसका पति पानी की तलाश में इधर -उधर भटकने लगा । काफी देर के बाद जब वह पानी लेकर वापस लौट कर आया तो उसने देखा कि उसकी पत्नी के पास हूबहू उसकी ही शक्ल वेशभूषा में एक अन्य व्यक्ति बैठकर उसकी पत्नी के साथ बैठकर बात कर रहा था।
ये देखते ही उसका पति आग बबूला होने लगता है। दोनों व्यक्ति आपस में लड़ने लगते है। पहले व्यक्ति ने बड़े ही गुस्से में दूसरे व्यक्ति से पूछा कि तुम कौन हो और मेरी पत्नी के साथ बैठकर क्या बात कर रहे हो। दोनों इसी तरह एक दूसरे से प्रश्न करते हुए आपस में लड़ने लगे। देखते ही देखते बहस ने भयानक लड़ाई का रूप ले लिया। थोड़ी देर बाद ही वह सिपाही आ जाते है और उस स्त्री से उसके पति के बारे में पूछने लगते है। अब दोनों व्यक्ति क्योंकि बिल्कुल हूबहू ही दिख रहे थे ऐसे में वह स्त्री भी हैरान रह गई कि मेरा पति कौन है। तब पहला व्यक्ति परेशान होकर मन में कहता है भगवान ये आपकी कैसी लीला है।
फिर उसके बाद एक आकाशवाणी होती है कि बुधवार के दिन पत्नी को विदा करवा कर नहीं ले जाना चाहिए थे। इस आकाशवाणी को सुनकर पहला व्यक्ति समझ जाता है कि ये भगवान बुध की लीला है । फिर वह व्यक्ति बुद्ध देवता से प्रार्थना करते हुए माफ़ी मांगने लगता है। तब तुरंत ही बुद्ध देव अंतर्ध्यान हो जाते है और उस व्यक्ति को अपनी पत्नी मिल जाती से तभी से हर बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा होने लगी। जो भी जातक इस दिन भगवान गणेश की आराधना करते है उनके जीवन म सुख – समृद्धि की कमी नहीं होती है।