
Indonesia Ganesh Mandir : गणेश जी का अनोखा मंदिर जो कर रहा है इंडोनेशिया की रक्षा
Indonesia Ganesh Mandir -हमारे देश भारत में भगवान गणेश के करोड़ो भक्त है। सभी देवी -देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। हमारे यहाँ हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भी बड़े धूम – धाम के साथ मनाया जाता है। भारत की जनता अपने घरों में छोटे छोटे गणेश मूर्ति स्थापित करते हैं और 7 दिनों तक पुरे विधि -विधान के साथ उनकी पूजा की जाती है और उनकी विदाई ये कह के की जाती है कि अगले बरस तू जल्दी आ।
ऐसे तो भारत मे गणेश भगवान के बहुत मंदिर है और उनकी महिमा अपरंपार है। परंतु एक गणेश मूर्ति देश के बाहर एक मुस्लिम देश में भी स्थापित है और उसे वहां का रक्षक कहा जाता है। जी हां, यह बात जानकर आपको हैरानी हो रही होगी।
इस देश में एक धधकते ज्वालामुखी के सबसे ऊपर के टॉप पर 700 सालों से गणेश पूजा की जा रही है और वे यहां रक्षक हैं। इंडोनेशिया में ज्वालामुखी की तादात बहुत ज्यादा है। यहां कुल 141 ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 130 अब भी सक्रिय अवस्था में हैं।
आपको बता दें की इन 130 ज्वालामुखीयो में हमेशा समय समय पर विस्फोट होता रहता है और गरम लावा निकलता रहता है। इन्हीं में से एक है ज्वालामुखी माउंट ब्रोमो है। दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक होने के चलते इंडोनेशिया जाने वाले टूरिस्ट के लिए इसके बहुत से हिस्सों तक जाने की पाबंदी है।
इस ज्वालामुखी के एक खतरनाक हिस्से पर एक भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है। इसके बावजूत लोगों को इसके इस गणेश मंदिर तक जाने से कोई रोक नहीं पाता है। पुराने लोग बताते है कि उनका मानना है की भगवान गणेश जी की पूजा के चलते ही अब तक वहां के लोग सुरक्षित हैं।
आपको बता दें कि माउंट ब्रोमो का मतलब लोकल भाषा जावानीज में ब्रह्मा से जोड़ा जाता है। परंतु यहां पर मंदिर गणेश है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ये गणेश मूर्ति 700 सालों से वहां पर स्थापित है, जो उनके पूर्वजों ने स्थापित की थी। यहाँ की मान्यता है कि इस गणेश मूर्ति की वजह से ही अब तक जलते हुए ज़्लावामुखी के पास होने के बाद भी उनकी रक्षा हो रही है।
यही वजह है कि यहां के पूर्व में बसा एक जनजातीय समूह, जिसे ‘Tenggerese’ नाम से जाना जाता है। यह लोग कई सदियों से गणेश जी की पूजा करते आ रहे है। यहां पर इस गणेश मंदिर को ‘Pura Luhur Poten’ के नाम से जाना जाता है। यहां पर गणेश जी की अलग-अलग तरह की मूर्तियां है और सभी मूर्तियां ज्वालामुखी के जमे हुए लावे से बनी हुई हैं। इस कारण यह मुर्तिया अनमोल हैं।
माउंट ब्रोमो के आसपास बने 30 गांवों में इस जनजाति के करीब 1 लाख लोग निवास करते हैं। आपको बता दें कि यह के गाँव वाले खुद को हिंदू मानते हैं और हिंदू रीति-रिवाज से जीवन जीते है। यहां के लोग त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु, महेश की पूजा किया करते है।
इस पूजा में ‘Tenggerese’ की पूजा का भी बहुत महत्त्व बताया जाता है। वह प्रत्येक वर्ष 14 दिनों के लिए माउंट ब्रोमो के मुहाने पर बने गणेश मंदिर में भगवान गणेश जी की पूजा करते है। वही , इस पूजा को ‘Yadnya Kasada’ पर्व के नाम से स्थानीय लोग जानते हैं। माना जाता है कि 13वीं से 14 सदी के बीच इस पूजा का आरंभ हुआ था।
इसके पीछे जुड़ी एक लोककथा ये कहती है कि , भगवान ने वहा के राजा -रानी जिन्हे सैलून से संतान नहीं हो रही थी। उन्हें 14 संताने दी। वह भी इस शर्त पर कि 15 वीं और आखिरी सनतान को वह पहाड़ को अर्पित कर देंगे। इसके बाद से ही हर साल पूजा और पशु बलि का रिवाज शुरू हुआ था। आज भी यहाँ बकरियों कि बलि दी जाती है और उत्सव मनाया जाता है।
यहाँ के रिवाज के अनुसार ज्वालामुखी के भीतर इस बलि के साथ फल – फूल एवं सब्जियां भी अर्पित की जाती है। मान्यता कहती है कि भगवान गणेश जी की पूजा और धधकते ज्वालामुखी को फल अर्पित करना ही उसमें विस्फोट को रोकता है। माना तो ये भी जाता है कि अगर ऐसा नही किया गया, तो ये समुदाय ज्वालामुखी के कहर से जलकर खत्म हो जाएगा।
आपकी अधिक जानकारी के लिए आपको ये भी बता दे कि, यहाँ पर रहने वाली जनजाति का अपना एक कैलेंडर है। इसी के अनुसार हर साल तय समय पर 14 दिनों की पूजा की जाती है। इस 14 दिनों की पूजा के त्योहार को ‘Eksotika Bromo Festival’ कहा जाता है। इस त्योहार के दौरान पहाड़ पर बड़ा मेला लगता है और यह त्योहार, विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करता है।
आपको बता दे , यहाँ पर बहुत से रीती -रिवाज पूजा पाठ हिन्दुओं से मिलते -जुलते ही है। जैसे कि हमारे यहाँ के मंदिर के पुजारी जिस तरह से यहाँ पूजा करते है वहा भी उसी प्रकार से पूजा कि जाती हैं। जिन्हें ‘Resi Pujangga’ कहा जाता है। ये विधि-विधान पूरा करने में लोगों की मदद करते हैं। आगे चलकर पुजारी का बेटा ही पुजारी बनता है। इंडोनेशिया में हिंदुओं की संख्या बहुत ज्यादा है और यहां भी मंदिरों की कमी नहीं है। यही कारण है की भारत से भी अधिकतर लोग इंडोनेशिया में घूमने जाते है। भारतियों के लिए वहां अनुकूल वातावरण भी होता है।