
Kajri Teej 2022 : कब है कजरी तीज , क्या है इसका महत्त्व
Kajri Teej 2022 – भारत के सभी प्रांतो में अलग अलग तरह की तीज राखी जाती है। लेकिन सभी तीजों का मूल उद्देश्य माता पार्वती और शिव की आराधना करना। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कजरी तीज हर साल भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि मनाई जाती है , और आज भारत के कई राज्यों में कजरी तीज का व्रत रखा गया होगा।
Kajri Teej 2022 : कब है कजरी तीज , क्या है इसका महत्त्व
इस दिन सुहागिन महिलाओं के द्वारा अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है। एफ व्रत पूर्ण तभी माना जाता है जब व्रत कथा को सुना जाए ,अगर आप जारी तीज के मौके पर व्रत नहीं कर पाते है तो एक बार आपको इस व्रत के महत्त्व को जरूर समझना चाहिए। इस व्रत को रखने से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से अखंड सौभाग्य का वरदान जरूर ही प्राप्त होगा। आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताने जा रहे है कब है कजरी तीज एवं क्या होता है इसका महत्त्व
कब है कजरी तीज –
हिन्दू धर्म के अनुसार कजरी तीज प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। आप सबकी जानकारी के लिए बता दें की कजरी तीज सामान्य रूप में रक्षा बंधन के तिन दिन पश्चात और जन्माष्टमी के पांच दिन पहले मनाई जाती है। इस साल कजरी तीज 14 अगस्त 2022 दिन रविवार के दिन मनाई जाएगी।
कजरी तीज महत्त्व
हमारे देश में कजरी तीज के कई धार्मिक महत्त्व हैं। कजरी तीज का व्रत प्राचीन समय से महिलाओं द्वारा किया जाता हैं। इस त्यौहार में महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए व्रत करती हैं और लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह त्यौहार शादीशुदा जोड़ो के लिए भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार हैं। आज के समय में तो इस त्यौहार को कुवारी लड़कियां भी अपने होने वाले पति के लिए इस व्रत को करती हैं। ऐसा माना जाता हैं कि शादी के बाद इस व्रत को करने से शादीशुदा लोगों का बंधन अटूट बन जाता हैं, जो कभी नहीं टूटता, इस प्रकार की धार्मिक मान्यतायें भी हैं।