
aamalakee ekaadashee जानिये कब है आमलकी एकादशी
aamalakee ekaadashee - हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्त्व बताया गया है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। हर माह में 2 बार एकादशी का व्रत रखा जाता है। सभी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु के लिए किया जाता है। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इसलिए कई स्थानों पर इस एकादशी को आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च 2022 को सोमवार के दिन रखा जाएगा। आइये आपको बताते है क्यों पुण्यदायी बताई जाती है।
आमलकी एकादशी को क्यों माना जाता है पुण्यदायी
आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर श्रीहरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सृष्टि की रचना के लिए श्रीहरि ने पहले ब्रह्मा जी को जन्म दिया, उसी समय भगवान विष्णु ने आंवले के वृक्ष को भी जन्म दिया था। इसलिए उन्हें आंवला अतिप्रिय है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर नारायण की पूजा करने से एक हजार गौ दान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु को आंवला जरूर अर्पित करना चाहिए। साथ ही आंवले का उबटन, आंवले के जल से स्नान, आंवला पूजन, आंवले का भोजन और आंवले का दान करना चाहिए। इससे श्रीहरि अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
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