
Pradosh Vrat Sanyog : सावन के दूसरे सोमवार पर बन रहा है महासंयोग
Pradosh Vrat Sanyog – जिस तरह से भगवान विष्णु के भक्त उनके लिए एकादशी का व्रत रखते है ठीक उसी तरह भगवान शिव के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। एकादशी की ही तरह प्रदोष व्रत भी महीने में 2 बार रखा जाता है। क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इसलिए इस माह में प्रदोष व्रत की महत्ता और भी अधिक बढ़ जाता है। बता दे आपको ,
Pradosh Vrat Sanyog : सावन के दूसरे सोमवार पर बन रहा है महासंयोग
सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को पड़ रहा है। इसी के साथ इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है। इतना ही नहीं इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत योग के साथ साथ ध्रुव योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये सभी योग शुभ योगों में से एक है। ज्योतिष के जानकारों की माने तो इस योग में किये गए कार्य हमेशा ही सफल होते है। इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। अब आपको बता दे , सावन के दूसरे सोमवार पर संध्या काल में त्रयोदशी लग जाने की वजह से ये दिन सोम प्रदोष व्रत का माना जाएगा।
जैसा कि हमने आपको बताया भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। सोमवार के साथ साथ प्रदोष व्रत का होना भगवान शिव के भक्तो के लिए विशेष कृपादायक होने वाला है। माना जाता है कि अगर कोई भी भक्त इन शुभ संयोगो में भगवान शिव का अभिषेक करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है इसी के साथ जो दम्पति संतान की इच्छा रखते है उन्हें इस शुभ संयोग में भगवान शिव का अभिषेक जरूर ही करना चाहिए उनके लिए काफी फलदायक रहेगा।
जो भी भक्त सावन के सोमवार के साथ – साथ प्रदोष व्रत का भी लाभ उठाना चाहते है तो ऐसे में भक्तो को संध्या के समय सूर्यास्त से पहले भगवान शिव का पंचामृत यानी कि दूध , दही , गंगाजल, शहद और दही से अभिषेक करना चाहिए। अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार चल तो ऐसे में आपको दूध और गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। शिव पुराण में भी कहा गया है कि भक्तो का शिव जी को अभिषेक करना अत्यंत ही लाभकारी होता है। इसके अलावा जिन भी लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती है उन लोगों को सावन के महीने में दूध में काले तिल मिलकर शिव जी का अभिषेक करना चाहिए।