
Ramayana Unknown Facts : एक तोते की वजह से क्यों अलग होना पड़ा माता सीता और श्री राम को , जाने पूरी कहानी
Ramayana Unknown Facts– हमारे हिन्दू धर्म से जुड़े जितने भी ग्रंथ है उसमे हमेशा ही बुरे कर्मो का फल बुरा ही बताया गया है। रामायण तो आप सभी ने सुनी एवं देखी होगी। अब रामायण की माता सीता को ही देख लीजिए। उनके एक कर्म की वजह से उन्हें अपने पति भगवान श्री राम से भी अलग होना पड़ा। इस पूरी घटना का जिक रामायण में भी मिलता है। आइये आज आपको बताते है कि क्यों एक तोते की वजह से माता सीता और भगवान श्री राम को अलग होना पड़ा।
Ramayana Unknown Facts: एक तोते की वजह से क्यों अलग होना पड़ा माता सीता और श्री राम को , जाने पूरी कहानी
रामायण का वर्णन कई भाषाओं में मिलता है और रामायण से जुडी कई अनसुनी कथाएं प्रचलित है। एक कथा के अनुसार जब माता सीता बाल्यावस्था में थी तो एक बगीचे में सखियों संग खेलते हुए उनकी नजर तोते के जोड़े पर पड़ी। ये तोते भगवान राम और माता सीता के बारे में कुछ बाते कर रहे थे। मादा तोता कहने लगी कि ‘अयोध्या के राजकुमार राम बेहद प्रतापी राजा होंगे। उनका विवाह माता सीता से होगा।’
ये बातें सुन सीता का ध्यान उन तोतो पर गया। उन्होंने सखियों की मदद से उन्हें पकड़ लिया। फिर प्यार से अपने भविष्य की और जानकारी पूछी। तोतो ने बताया कि वे पहले महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रहते थे। वहीं उन्होंने राम और सीता के बारे में पता चला था। ये सुन सीता बोली ‘तुम लोग जिस जानक पुत्री सीता की बात कर रहे हो वह मैं ही हूं। कृपया मेरे और राम के बारे में और बातें बताएं।’
इस पर नर तोता बोला ‘हे सीता माँ आपका विवाह अयोध्या के राजा दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम के साथ होगा। आपकी जोड़ी तीनों लोकों में सबसे नायाब होगी।’ तोते ने सीता को और भी कई बातें बताई। तोते की भविष्यवाणी से खुश होकर सीता ने कहा कि ‘ये तोते मेरे ही पास रहेंगे ताकि मैं इनसे सबकुछ जान सकूँ।’ इस पर तोता बोला ‘हम तो पक्षी है। हमे आजाद उड़ना पसंद है। पिंजरे में मत रखिए। हमे जाने दीजिए।’
फिर माता सीता ने तोते के इस जोड़े में से नर तोते को तो जाने दिया। लेकिन अपने भविष्य में और भी जानने के लिए मादा तोता को अपने पास ही रख लिया। तब नर तोता कहता है कई मेरी पत्नी अभी गर्भवती है और मुझसे दूर रहने का वियोग वह सहन नहीं कर पाएगी। आप उसे भी मेरे साथ ही जाने दे। हालांकि तोते की ये याचना सीता मां ने ठुकरा दी। उन्होंने मादा तोते को अपने पास ही रखना चाहा।
तब तोते ने दिया श्राप
इस बात से नाराज होकर मादा तोते ने सीता को श्राप दिया। कहा ‘जिस तरह से मुझे गर्भावस्था में अपने पति से दूर होना पड़ रहा है। ठीक वैसे ही तुम्हारा हाल होगा।’ यह बोल मादा तोते ने अपने प्राण त्याग दिए। फिर अगले जन्म में वही तोता एक धोबी बना जिसने माता सीता के चरित्र पर उंगली उठाई थी। इसके बाद भगवान राम ने सीता का गर्भावस्था के दौरान त्याग दिया था। ऐसे में मां सीता को लव कुश को अकेले ही पालना पड़ा था।