
mandir ka rahasy घंटियों वाले मंदिर का रहस्य , एक बार जरूर पढ़े
mandir ka rahasy - उत्तराखंड को देवो की भूमि माना जाता हैं। ऐसी भूमि जहा देवी-देवताओं का वास हो ,ऋषि -मुनियो के लिए उत्तराखंड कर्म भूमि हैं। यू तो, उत्तराखंड में देवी-देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं। इन मंदिरों की प्रसिद्धि भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। और आज हम आपको उत्तराखंड में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसकी मान्यता बहुत अधिक हैं लेकिन इस मंदिर के बारे में जानकारी बहुत कम लोगो को हैं। मुख्य रूप से इस मंदिर को घंटी वाला मंदिर कहा जाता हैं लेकिन इस मंदिर को चितई गोलू मंदिर के नाम से जाना जाता हैं। बता दे आपको -गोलू देवता अपने न्याय के लिए दूर-दूर तक मशहूर हैं। हालांकि, उत्तराखंड में गोलू देवता के कई मंदिर हैं, लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिय और आस्था का केंद्र अल्मोड़ा जिले में स्थिति चितई गोलू देवता का मंदिर है। इस मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ और लगातार गुंजती घंटों की आवाज से ही गोलू देवता की लोक प्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस मंदिर की प्रसिद्धि इसलिए भी बहुत ज्यादा हैं जब आप इस मंदिर में प्रवेश करते हैं तो आपको लाखों की संख्या में घंटे घंटिया दिखाई देती हैं।
दरअसल इस मंदिर की मान्यता हैं जिस भी व्यक्ति की कोई मनोकामना पूरी हो जाती हैं तो वह मंदिर में घंटी चढ़ाता हैं। गोलू देवता के लिए कहा जाता हैं कि वह स्थानीय संस्कृति में सबसे बड़े और त्वरित न्याय के देवता के तौर पर पूजा जाता है। इन्हें राजवंशी देवता के तौर पर पुकारा जाता है। गोलू देवता को उत्तराखंड में कई नामों से पुकारा जाता है। इनमें से एक नाम गौर भैरव भी है। गोलू देवता को भगवान शिव का ही एक अवतार माना जाता है। मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में चढ़ाई जाती है घंटी। वही, गोलू देवता को शिव और कृष्ण दोनों का अवतार माना जाता है। उत्तराखंड ही नहीं बल्कि विदेशों से भी गोलू देवता के इस मंदिर में लोग न्याय मांगने के लिए आते हैं। मंदिर की घंटियों को देखकर ही आपको इस बात का अंदाजा लग जाएगा कि यहां मांगी गई किसी भी भक्त की मनोकामना कभी अधूरी नहीं रहती। मन्नत को पूरा करवाने के लिए भक्तो को आवेदन पत्र लिखना पड़ता हैं। मंदिर में लाखों अद्भुत घंटे-घंटियों का संग्रह है। इन घंटियों को भक्त मनोकामना पूरी होने पर ही चढ़ाते हैं। चितई गोलू मंदिर में भक्त मन्नत मांगने के लिए चिट्ठी लिखते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो स्टांप पेपर पर लिखकर अपने लिए न्याय मांगते हैं।
इस मंदिर के दर्शन करने दूर दूर से लोग आते हैं। अगर आपको अभी तक इस मंदिर के बारे में जानकारी नहीं थी तो अब जब भी आप उत्तराखंड जाएं। तो इस भव्य मंदिर के दर्शन जरूर करके आएं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको दिल्ली के आनंद विहार से सीधे अल्मोड़ा की बस मिलेगी। इसके अलावा आप पहले दिल्ली से हल्द्वानी भी जा सकते हैं और इसके बाद यहा से अल्मोड़ा के लिए गाड़ी ले सकते हैं। गोलू देवता का यह मंदिर 400 किलोमीटर में फैला हुआ हैं।
Uttarakhand is considered to be the land of gods. Such a land where gods and goddesses reside, Uttarakhand is the land of deeds for sages.