कर्म के कितने प्रकार है ? जाने
कर्म के कितने प्रकार है ? जाने
धन्यवाद का रास्ते मा परे सुखदा चना मा फल करमहे टर घुमा दे
जिस प्रकार से कर्म कर्म संसार में बताए [संगीत]
[संगीत]
[संगीत]
[संगीत] रामनवमी कृष्णा जन्माष्टमी बड़े बाप नवरात्रि दशहरा होली बसंत उत्सव हनुमान जयंती शंकराचार्य जयंती देवमूर्तियों की स्थापना वार्षिक उत्सव आदि समय पर जो अनेक विधि धार्मिक वी सामाजिक वी राष्ट्रीय उत्सव बनाए जाते हैं सब नैतिक कारण निमित्त के प्राप्त होने पर नैतिक कारण अवश्य कर जाए किसी कामना लॉक की अपार लौकी फल की इच्छा को लेकर जो कर्म किया जाता है वह कम में कर रहे हैं जैसे वर्षा की कामना से किया जाने वाला कार्य
[संगीत] अतः सका कर्म संकल्प पूर्वक बड़े संयम एवं सावधानी के साथ करने पर इच्छित फल अवश्य प्राप्त होता है और कौन से कर्म नहीं करने चाहिए जो त्याज कर्म [संगीत] चोरी मांस भाषण मद्यपान परिस्तरी गवन आदि कर्म नृत्य इनका त्याग करना चाहिए शास्त्र में कहा है की आक्रोपा नेम कर्म निधतम चश्मा चैनल नरहा किलविश्वास मनुष्यता शास्त्र में बताए हुए कर्म को ना करें की शास्त्र द्वारा निधित्कार को करता हुआ मनुष्य पाप का ही भाग ही बनता है अतः कल्याण की कामना करने वाले मानवों को सदैव शास्त्र भेट कर्म ही करना चाहिए ओम नमो नारायण जय सनातन
कर्म क्या है ?
कर्म के कितने प्रकार है ?
अच्छे कर्म
पाप पुण्य
पाप और पुण्य क्या है
पाप किसे कहते है
पुण्य क्या है ?
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