Trimbakeshwar Temple | त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पौराणिक रहस्य
#NisthaDhawani #TrimbakeshwarTemple #त्रयंबकेश्वरज्योतिर्लिंग #nisthadhawani #mahadev #aatmaye #divyarehsyam #VastuTips #शुभयाअशुभ #horror #Healthtips #कभीनहींहोंगेबीमार #Yoga #motivation #Devotional #BhagwatKatha #hindu #Katha
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग है जो महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यहीं ब्रह्मगिरि पर्वत से गोदावरी नदी बहती है। उत्तर भारत में पापनाशिनी गंगा का जो महत्व है, वही दक्षिण में गोदावरी का है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक होने के कारण इसे अन्य ज्योतिर्लिंग की तरह पवित्र और वास्तविक माना जाता है। इस मंदिर की खासियत है कि यह सदाशिव, ब्रह्मा विष्णु भगवान के तीन लिंगों के रुपों में त्रिदेव विद्यमान है। जिनके दर्शन मात्र से त्रिदेव की पूजा का फल मिलता है और मोक्षद्वार खुल जाते हैं। इसके अलावा इस मंदिर के निकट तीन पर्वत है जिसमें 1- ब्रह्मगिरी पर्वत 2- नीलगीरी पर्वत 3 गंगाद्वार पर्वत है। नमस्कार स्वागत है आप सभी का निष्ठा ध्वनि की इस खास पेशकश में और मैं हूँ आपके साथ आरती , आज हम अपनी इस खास वीडियो के माध्यम से त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के रहस्य एवं कैसे इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई इस बारे में बताने जा रहे है। आइये सबसे पहले जानते है इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना के बारे में
पौराणिक कथा के अनुसार ,ब्रह्मगिरी पर्वत पर देवी अहिल्या अपने पति ऋषि गौतम के साथ रहती थीं। इसी तपोवन में कई और ऋषि पत्नियां भी रहती थीं। एक बार किसी बात पर सभी देवी अहिल्या से नाराज हो गईं। सभी ने अपने पतियों को देवी अहिल्या और ऋषि गौतम का अपकार करने के लिए प्रेरित किया। अन्य सभी ऋषियों ने मिलकर भगवान गणेश की तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न श्री गणेश ने वर मांगने को कहा। सभी ने मिलकर वर मांगा कि प्रभु आप ऋषि गौतम को यहां से निकाल दें। गणेश जी इस बात के लिए तैयार नहीं हो रहे थे, लेकिन सभी के आग्रह के आगे गणेश जी को झुकना पड़ा। गणेश जी ने एक दुर्बल गाय का रूप धारण कर लिया और ऋषि गौतम के खेत में चरने लगे। जैसे ही ऋषि गौतम ने गाय को पतली छड़ी से मारकर भगाना चाहा, वह वही गिरकर मर गई। सभी ऋषियों ने गौतम ऋषि पर गौहत्या का आरोप लगा दिया। सभी ऋषियों के कहने पर गौतम ऋषि को आश्रम छोड़ के जाना पड़ा। हालांकि ऋषियों ने उनका किसी जगह रहना दूभर कर दिया।
सभी ऋषियों ने कहा कि इस गो हत्या के पाप से प्रायश्चित करने के लिए देवी गंगा को यहां लाना होगा। सभी की बात मानकर गौतम ऋषि ने शिवलिंग की स्थापना करके पूजा शुरू कर दी। गौतम ऋषि की कठोर तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी और माता पार्वती प्रकट हुए। भगवान शिव ने इच्छा अनुसार, वरदान मांगने को कहा। शिव जी की बात सुनकर ऋषि गौतम ने देवी गंगा को उस स्थान पर भेजने का वरदान मांगा। तब शिव जी ने माँ गंगा को धरती पर फिरसे अवतरित होने को कहा। तब माँ गंगा ने कहा कि मैं यहाँ तभी निवास करुँगी जब आप अपने परिवार के साथ यहाँ लिंग रूप में निवास करेंगे। तब शिव जी न कहा तथास्तु।
देवतागण बोले कि जब-जब वृहस्पति, सिंह राशि में प्रवेश करेंगे तब सभी देव गण यहाँ पधारेंगे। इस प्रकार वहां माँ गंगा गोदावरी रूप में विख्यात हैं और शिव जी वहां त्रम्ब्केश्वर ज्योतिर्लिंग नाम से विराजमान हैं। तब से दूर – दूर से भक्तगण इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं और पाप मुक्त होते हैं। यहाँ शिव भगवान जी सभी मनुष्यों की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
अगर आप किसी भी तरह का धार्मिक कार्यक्रम लाइव करवाना चाहते है तो इस नंबर पर सम्पर्क करे 7303398734 Join this channel to get access to perks:
https://www.youtube.com/channel/UCebKTvH5-VUCspEUB-_eclA/join
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.wNisthaDhawaniIPTV_15515748
इस वीडियो को अंत तक देखिये और अगर कोई प्रश्न या सुझाव हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में लिखें। आप हमें निम्न जगहों पर भी फॉलो कर सकते हैं ।
:- Instagram: https://www.instagram.com/nisthadhawani/
Twitter: https://twitter.com/NisthaDhawani
Facebook: https://www.facebook.com/Nisthadhawani
संपर्क करे – 7303398734 –
nistha.tv@gmail.com
– https://nisthadhawani.com/
– https://trust.nisthadhawani.com/